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संविधान दिवस के अवसर पर मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की में वेबिनार एवं प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन

 

आज 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के अवसर पर मदरहुड विश्वविद्यालय, रुड़की द्वारा वेबीनार का आयोजन किया गया । इस कार्यक्रम में मदरहुड विश्वविद्यालय के सभी संकायों ने प्रतिभाग किया । इस अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) नरेंद्र शर्मा ने भारत के संविधान को बनने की प्रक्रिया के ऐतिहासिक पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत का संविधान न केवल भारतीय संस्कृति पर आधारित है बल्कि यह भारत की विविधता में एकता की भावना को भी प्रकट करता है। आज पूरा देश संविधान दिवस पर उन महान विभूतियां को याद कर रहा है जिन्होंने अपना योगदान संविधान के निर्माण में दिया, जिनके द्वारा विश्व के सबसे बड़े लोकतंत्र की स्थापना हो पायीं । वर्तमान कालखंड में यदि हम देखें तो अनेक देशों में संवैधानिक संकट दिखाई देता है भारत के कई पड़ोसी मुल्क आज इस समस्या से जूझ रहे हैं परंतु हमारा एक विशाल भू क्षेत्र जो की विभिन्न जाति और धर्म के साथ भी विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्रात्मक गणराज्य के रूप में आज भी अपना स्थान बनाए हुए है।

इस कार्यक्रम में उपस्थित अतिथियों का स्वागत करते हुए विधि संकाय के अधिष्ठाता प्रोफेसर डॉक्टर जे० एस०पी० श्रीवास्तव ने कहा कि आज इस वेबीनार में न केवल भारत से बल्कि भारत के पड़ोसी देश नेपाल से भी कई लोग जुड़े हैं। विधिसंकाय द्वारा समय समय पर इस प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इन कार्यक्रमों के माध्यम से विद्यार्थियों में विभिन्न विषयों को लेकर स्पष्टता आती है।

 इस कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में नेपाल से शामिल श्री जीवेश झा, जुडिशल ऑफिसर, राजविराज उच्च न्यायालय, जनकपुर, नेपाल ने कहा कि भारतीय गणतंत्र ने एक लंबी यात्रा तय की है। विकास की दौड़ में पीछे रह गए लोगों को साथ लेकर चलते हुए भारत न केवल अपना विकास कर रहा है बल्कि अपने साथ साथ पड़ोसी देशों को भी आगे बढ़ने में सहयोग कर रहा है।

21 वीं सदी के लक्ष्यों एवं उपलब्धियों के नये मानदंड पर आधारित कार्यक्रमों में देश के प्रत्येक नागरिक को सहभागी बनाया गया है । हर एक व्यक्ति देश के विकास और उन्नति के लिए कार्य कर रहा है। सबके सामूहिक सहयोग से ही देश का विकास संभव हो सका है। इस उन्नति और तरक्की के मूल आधार में संविधान का बहुत बड़ा योगदान है।

विधि संकाय के विभागाध्यक्ष डॉ नलनीश चंद्र सिंह ने सभी उपस्थित शिक्षकगणों विद्यार्थी और अतिथियों का आभार व्यक्त किया और कहा कि भारत दशकों से संविधान में हुई अनेक संशोधनों के बाद भी आज तक निरंतर अपनी श्रेष्ठ और शिद्धता को प्रदर्शित कर रहा है । भारत के सभी नागरिकों का अटूट विश्वास संविधान पर है, यही संविधान की सबसे बड़ी ताकत को समझाता है ।

साथ ही संविधान दिवस के अवसर पर मदरहुड विश्वविद्यालय के विधि संकाय द्वारा भारतीय संविधान पर एक प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें 531 विद्यार्थियों ने प्रतिभा किया। विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर विवेक कुमार द्वारा भारतीय संविधान की प्रस्तावना को पढ़ा गया और संविधान के मूल्यों की रक्षा के लिए शपथ दिलाई गई। इस कार्यक्रम का संचालन विधि संकाय के असिस्टेंट प्रोफेसर सुश्री आयुषी वशिष्ठ द्वारा किया गया।

इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलसचिव अजय गोपाल शर्मा एवं समस्त संकायों के विभाग अध्यक्ष प्रो0 (डॉ0) पी०के० अग्रवाल, प्रो0 (डॉ0) एस०सी० पचौरी, प्रो0 (डॉ0) विकास गुप्ता, डॉ0 हर्षा शर्मा, डॉ0 कन्ननदासन, डॉ0 अनुपम गुप्ता, डॉ0 अनुज शर्मा, डॉ0 रविंद्र विश्वकर्मा, प्रो0 (डॉ0) अवधेश कौशल, डॉ0 रूपेश, डॉ 0 रितेश गुप्ता डॉ0 हरिचरण सिंह यादव, डॉ0 विवेक सिंह, डॉ0 संदीप कुमार, डॉ0 जूली गर्ग, व्यंजना, रेनू, अनिंदिता, रुद्रांश, सतीश, राहुल, आशी श्रीवास्तव, अरिजीत मिश्रा, गोपाल भट्ट, मिल्टन आदि उपस्थित रहे।

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