रिपोर्ट अभिषेक गोडवाल
रुड़की। इसे सिस्टम की लापरवाही कहें या फिर अनदेखी! जो भी हो, उत्तराखण्ड में यातायात नियमों की खुलेआम धज्जिया उड़ाई जा रही है। हैरानी की बात ये है कि लगातार हो रहे हादसों के बावजूद संबंधित अधिकारी हाथ पर हाथ धरे तमाशा देख रहे हैं। अभी हाल ही में अल्मोड़ा में हुए दर्दनाक हादसे में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी, बावजूद इसके उत्तराखण्ड का परिवहन विभाग सुधरने का नाम नहीं ले रहा है।
ताजा मामला रूड़की के थाना पिरान कलियर के दरियापुर क्षेत्र का है। यहां खनन माफिया खुलेआम यातायात नियमों की धज्जिया उड़ा रहे हैं। यहां परमिशन की आड़ में सड़कों पर मिट्टी से भरे ओवरलोडेड वाहन दौड़ रहे हैं,
लेकिन इन्हें देखने वाला कोई नहीं है। सड़कों पर दौड़ रहे ये वाहन कभी भी बड़े हादसों का सबब बन सकते हैं। आलम ये है कि इन वाहनों को दौड़ाने वाले माफियाओं में पुलिस और प्रशासनिक तंत्र का जरा भी खौफ नहीं है। जबकि पहले भी ओवरलोड वाहनों की चपेट में आने से कई बड़े हादसे हो चुके हैं।
बावजूद इसके इमलीखेड़ा चौकी के सामने से मिट्टी से भरे ओवरलोडेड डम्पर गुजरते रहते हैं, लेकिन इन्हें देखने वाला कोई भी नहीं है। इस मामले में पुलिस और परिवहन
विभाग की कार्यशैली पर सवाल उठ रहे हैं। बता दें कि अभी हाल ही में अल्मोड़ा में हुए हादसे में कई लोगों को जान गंवानी पड़ी थी। जिसके बाद से ही परिवहन विभाग और पूरे सिस्टम पर सवाल उठ रहे हैं
। फिलहाल रूड़की का ये मामला खासा गंभीर है और प्रशासनिक तंत्र की नींद कब खुलती है ये देखना दिलचस्प होगा।