बिहार के जमुई जिले के एक छोटे से गांव से निकलकर लंदन तक का सफर तय करने वाले अभिषेक कुमार ने अपनी कड़ी मेहनत और लगन से गूगल जैसी दिग्गज टेक्नोलॉजी कंपनी में नौकरी पाकर न सिर्फ अपने परिवार, बल्कि पूरे राज्य का नाम रोशन किया है। गूगल में कोडिंग का काम संभालने वाले अभिषेक का सफर हर उस युवा के लिए प्रेरणा है जो अपने सपनों को साकार करने की चाह रखता है।
साधारण शुरुआत, असाधारण सफर
अभिषेक का जन्म एक साधारण परिवार में हुआ, लेकिन उनकी मेहनत और पढ़ाई के प्रति उनकी लगन ने उन्हें आज इस मुकाम तक पहुंचा दिया है। उन्होंने बचपन से ही शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता दी और हर चुनौती को पार करते हुए अपनी तकनीकी प्रतिभा को निखारा।अभिषेक ने झाझा के एक स्कूल से पढ़ाई की और पटना से इंटरमीडिएट की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद उन्होंने NIT पटना से कंप्यूटर साइंस में बीटेक किया।
गूगल में मिली सफलता
अभिषेक का चयन गूगल में एक सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में हुआ, जहां वे अब लंदन में अपनी सेवाएं देंगे। यह काम सिर्फ तकनीकी कौशल की मांग नहीं करता, बल्कि उच्चतम स्तर की कोडिंग की समझ और समस्या-समाधान की उत्कृष्ट क्षमता की भी आवश्यकता होती है, जिसे अभिषेक ने साबित कर दिखाया।
युवाओं के लिए प्रेरणा
अभिषेक की इस सफलता ने न सिर्फ उनके परिवार को गर्व महसूस कराया है, बल्कि जमुई के छोटे गांव से निकलकर बड़े सपनों को साकार करने वाले हर युवा को एक नई दिशा दी है। अभिषेक ने यह साबित कर दिया है कि अगर दृढ़ संकल्प और सही दिशा में मेहनत की जाए, तो कोई भी सपना अधूरा नहीं रहता।
निष्कर्ष
अभिषेक कुमार की यह कहानी हर उस व्यक्ति के लिए प्रेरणा है, जो छोटे गांवों से निकलकर बड़े सपने देखता है। उनकी सफलता ने यह साबित कर दिया है कि अवसरों की कोई सीमा नहीं होती, केवल मेहनत और संकल्प की जरूरत होती है।