हर साल 15 सितंबर को पूरे देश में इंजीनियर्स डे के रूप में मनाया जाता है। यह विशेष दिन उन समर्पित इंजीनियरों के सम्मान में मनाया जाता है, जिन्होंने अपने नवाचारों, मेहनत और समर्पण से दुनिया को बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। इंजीनियर्स डे सिर्फ एक उत्सव नहीं, बल्कि उन बुद्धिजीवियों के प्रति आभार व्यक्त करने का मौका है, जिन्होंने हमारे जीवन को बेहतर और सरल बनाने के लिए अनगिनत तकनीकी और वैज्ञानिक योगदान दिए हैं।
भारत में इंजीनियर्स डे विशेष रूप से महान इंजीनियर और भारत रत्न से सम्मानित डॉ. मोक्षगुंडम विश्वेश्वरैया की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। डॉ. विश्वेश्वरैया को उनके उल्लेखनीय योगदान के लिए आधुनिक भारत के इंजीनियरिंग पितामह के रूप में जाना जाता है। उनके नेतृत्व और तकनीकी कौशल ने भारत में जल प्रबंधन, बुनियादी ढांचे और सिंचाई परियोजनाओं को एक नई ऊंचाई पर पहुंचाया। उनकी दूरदर्शिता और कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि आज भी उनकी इंजीनियरिंग के क्षेत्र में विरासत कायम है।
इंजीनियर्स डे का महत्व आज के दौर में और भी बढ़ जाता है, जब तकनीकी विकास तेजी से हो रहा है। हमारे दैनिक जीवन में जिस तकनीक और सुविधाओं का हम आनंद ले रहे हैं, उसके पीछे इंजीनियरों की कड़ी मेहनत और निरंतर अनुसंधान होता है। चाहे वह स्मार्टफोन हो, इंटरनेट, पुलों का निर्माण हो, परिवहन के साधनों का विकास हो या फिर ऊर्जा और पर्यावरण के लिए नवीन समाधान—हर क्षेत्र में इंजीनियरों का योगदान अहम है।
इस दिन को मनाने का मकसद सिर्फ इंजीनियरों का सम्मान करना नहीं है, बल्कि नई पीढ़ी को भी प्रेरित करना है कि वे विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में आगे बढ़ें और समाज के विकास में योगदान दें। शैक्षणिक संस्थान, इंजीनियरिंग कॉलेज और पेशेवर संगठन इस दिन को विशेष सेमिनार, वर्कशॉप, और नवाचार प्रस्तुतियों के माध्यम से मनाते हैं, ताकि युवा इंजीनियरों को प्रोत्साहित किया जा सके और उन्हें नई चुनौतियों के लिए तैयार किया जा सके।
इंजीनियर्स डे पर हमें यह भी याद रखना चाहिए कि इंजीनियरिंग का क्षेत्र सिर्फ मशीनों और इमारतों तक सीमित नहीं है। यह एक ऐसा पेशा है जो समस्याओं के समाधान निकालता है, समाज की जरूरतों को पूरा करता है और सतत विकास के लिए नए-नए उपाय सुझाता है। आज जब दुनिया जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा संकट और संसाधनों की कमी जैसी चुनौतियों का सामना कर रही है, तब इंजीनियरों का काम और भी महत्वपूर्ण हो जाता है।
अतः 15 सितंबर का दिन हमें यह सोचने का अवसर देता है कि इंजीनियरिंग के क्षेत्र में हम और कैसे प्रगति कर सकते हैं और कैसे यह पेशा भविष्य को बेहतर बनाने में योगदान दे सकता है।