भारत के राष्ट्रपति ने 8वें भारत जल सप्ताह (India Water Week) का उद्घाटन करते हुए जल संरक्षण और उसके सतत उपयोग पर विशेष जोर दिया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम का आयोजन जल संसाधन, नदी विकास और गंगा संरक्षण मंत्रालय द्वारा किया गया, जिसमें देशभर के विशेषज्ञों, नीति निर्माताओं और वैज्ञानिकों ने भाग लिया। इस वर्ष का थीम “जल प्रबंधन के लिए सामूहिक दृष्टिकोण” रखा गया है, जिससे जल संकट का समाधान और इसके प्रबंधन पर विशेष ध्यान दिया जा सके।
जल संरक्षण की दिशा में प्रयास
उद्घाटन समारोह में राष्ट्रपति ने अपने संबोधन में कहा कि जल जीवन का आधार है और इसके संरक्षण के लिए सभी स्तरों पर ठोस कदम उठाने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जल संकट की चुनौती से निपटने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों के साथ ही आम जनता की सहभागिता भी जरूरी है।
सतत विकास लक्ष्यों पर ध्यान
इस अवसर पर विभिन्न विशेषज्ञों और संगठनों ने जल प्रबंधन से जुड़े सतत विकास लक्ष्यों पर भी चर्चा की। जल सप्ताह के आयोजन का उद्देश्य जल संरक्षण और प्रबंधन की नई तकनीकों और नीतियों को विकसित करना है, ताकि बढ़ती आबादी और जलवायु परिवर्तन से उत्पन्न जल संकट को कम किया जा सके।
शिक्षा और जागरूकता की आवश्यकता
राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि जल संकट के समाधान के लिए सिर्फ तकनीकी समाधान ही नहीं, बल्कि शिक्षा और जागरूकता भी आवश्यक है। उन्होंने छात्रों, युवाओं और किसानों को जल के महत्व के प्रति जागरूक करने की अपील की।
निष्कर्ष
भारत जल सप्ताह का यह आयोजन जल संरक्षण और उसके प्रबंधन के प्रति एक सकारात्मक कदम है। इसके माध्यम से देशभर में जल संकट के प्रति जागरूकता बढ़ेगी और इसके सतत उपयोग के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य नीति निर्माताओं, वैज्ञानिकों और समाज के विभिन्न वर्गों को एक मंच पर लाकर जल के सतत प्रबंधन की दिशा में सामूहिक प्रयासों को बढ़ावा देना है।