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डेंगू में पपीते के पत्तों का अर्क ऐसे निकालें, 99% लोग करते हैं गलत इस्तेमाल

This is how to extract the extract of papaya leaves in dengue, 99% people use it wrongly.


डेंगू का बुखार मानसून के मौसम में एक गंभीर समस्या बन जाता है, और इससे उबरने के लिए लोग कई घरेलू उपाय आजमाते हैं। पपीते के पत्तों का अर्क डेंगू के दौरान प्लेटलेट्स बढ़ाने और तेजी से ठीक होने के लिए एक लोकप्रिय घरेलू उपाय माना जाता है। हालांकि, अधिकतर लोग इस अर्क को सही तरीके से नहीं निकालते, जिससे इसका पूरा लाभ नहीं मिल पाता। इसलिए यह जानना जरूरी है कि पपीते के पत्तों का अर्क कैसे सही तरीके से तैयार किया जाए और उसका उपयोग कैसे किया जाए ताकि डेंगू बुखार से जल्द राहत मिल सके।

पपीते के पत्तों का अर्क निकालने का सही तरीका:

पत्तों का चयन: सबसे पहले पपीते के ताजे और साफ पत्तों का चयन करें। ये पत्ते ज़्यादा बड़े न हों और उनमें किसी प्रकार की धूल या गंदगी न हो। पत्तों को अच्छी तरह धो लें ताकि वे पूरी तरह से स्वच्छ हो जाएं।

पत्तों को पीसना: पत्तों को छोटे टुकड़ों में काट लें। इसके बाद उन्हें मिक्सर में थोड़ा पानी मिलाकर अच्छे से पीस लें। ध्यान दें कि ज्यादा पानी न डालें, क्योंकि इससे अर्क पतला हो सकता है।

छानना: पीसे हुए पत्तों को एक साफ कपड़े या छन्नी की मदद से छान लें, जिससे पत्तों का सारा रस निकल जाए। यही अर्क आपके लिए फायदेमंद है।

खुराक: वयस्कों के लिए दिन में दो बार 1-2 चम्मच पपीते के पत्तों का अर्क लेना फायदेमंद होता है। बच्चों के लिए डॉक्टर की सलाह से इसकी मात्रा कम कर सकते हैं।

गलतियाँ जो अक्सर की जाती हैं:

पत्तों को उबालना: कई लोग पपीते के पत्तों को उबालकर उसका अर्क निकालने की कोशिश करते हैं, लेकिन इससे पत्तों के पोषक तत्व और एंजाइम्स नष्ट हो जाते हैं, जो प्लेटलेट्स बढ़ाने में मदद करते हैं।

पुराने पत्तों का इस्तेमाल: अधिकतर लोग पुराने और खराब हो चुके पत्तों का उपयोग करते हैं, जिससे पूरा लाभ नहीं मिल पाता। ताजे और हरे पत्ते ही इस्तेमाल करें।

बहुत अधिक मात्रा में सेवन: पपीते के पत्तों का अर्क ज्यादा मात्रा में लेने से पेट में गड़बड़ी हो सकती है। इसलिए सही खुराक का पालन करना जरूरी है।

डेंगू में अन्य लाभकारी उपाय:

पानी और तरल पदार्थों का सेवन: डेंगू बुखार के दौरान शरीर में पानी की कमी हो जाती है, इसलिए नारियल पानी, फलों के रस और सूप जैसी चीजों का सेवन करते रहें।

गिलोय का रस: गिलोय का सेवन भी प्लेटलेट्स बढ़ाने और इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में सहायक होता है। इसका सेवन दिन में दो बार किया जा सकता है।

नीम और तुलसी: डेंगू के दौरान नीम और तुलसी की पत्तियों का काढ़ा पीना भी फायदेमंद हो सकता है। ये शरीर में विषाणुओं से लड़ने की क्षमता बढ़ाते हैं।

डॉक्टर की सलाह:

डेंगू बुखार गंभीर हो सकता है, इसलिए घरेलू उपायों के साथ-साथ डॉक्टर से उचित परामर्श लेना अत्यंत जरूरी है। अगर प्लेटलेट्स बहुत तेजी से गिर रहे हैं या स्थिति बिगड़ रही है, तो तुरंत चिकित्सा उपचार लें।

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